सितार के मुख्य भाग निम्नलिखित हैं:
1. खूंटी: ये खूंटियां लकड़ी या धातु से बनी होती हैं और इनका उपयोग मुख्य तारों को ट्यून करने के लिए किया जाता है।
2. तार: सितार में मुख्य रूप से 7 तार होते हैं, जिन्हें विभिन्न स्वरों से ट्यून किया जाता है।
3. घुड़च: यह सितार का शीर्ष भाग होता है और इसमें 3 खूंटियां होती हैं जिनका उपयोग जोड़ी के तारों को ट्यून करने के लिए किया जाता है।
4. टांग: यह सितार की गर्दन होती है और इसमें खूंटियां लगी होती हैं।
5. पेटी: यह सितार का मुख्य भाग होता है और इसमें 2 छेद होते हैं जिनसे ध्वनि निकलती है।
6. पुल: यह सितार का आधार होता है और इसमें 2 छेद होते हैं जिनसे तार गुजरते हैं।
7. दस्ता: यह सितार का वह भाग होता है जिसे बजाते समय पकड़ा जाता है।
8. पलटा: यह दस्ता के शीर्ष भाग पर स्थित होता है और इसमें 2 खूंटियां होती हैं जिनका उपयोग मुख्य तारों को ट्यून करने के लिए किया जाता है।
9. मिजराब: यह एक छोटा, पतला प्लेक होता है जिसका उपयोग तारों को बजाने के लिए किया जाता है।
सितार के अन्य भागों में शामिल हैं:
- तरब: ये अतिरिक्त तार हैं जो मुख्य तारों के साथ बजते हैं और ध्वनि को समृद्ध बनाने में मदद करते हैं।
- जवाबी: यह एक धातु का टुकड़ा होता है जो पुल के नीचे स्थित होता है और ध्वनि को प्रतिबिंबित करने में मदद करता है।
- कपड़: यह एक कपड़ा होता है जो सितार को धूल और गंदगी से बचाने के लिए उपयोग किया जाता है।
सितार एक जटिल वाद्य यंत्र है जिसमें कई भाग होते हैं। प्रत्येक भाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है सितार की समग्र ध्वनि और सुंदरता में।
Post a Comment